| 1. | आलंबन विभाव के सहारे रस निष्पत्ति होती है।
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| 2. | मधुरा रति के आलंबन विभाव नायकचूडामणि कृष्ण तथा हरिप्रियाएँ हैं।
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| 3. | ये भेद स्पष्ट ही शृंगार रस के आलंबन विभाव के हैं।
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| 4. | साहित्य शास्त्र में इस विषय को आलंबन विभाव अथवा ' आलंबन' कहते हैं।
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| 5. | साहित्य शास्त्र में इस विषय को आलंबन विभाव अथवा ' आलंबन' कहते हैं।
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| 6. | वर्णन आलंबन विभाव के अंतर्गत और उसकी चेष्टाओं का वर्णन उद्दीपन विभाव के
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| 7. | उदाहरण स्वरूप (१) वीर रस के स्थायी भाव उत्साह के लिए सामने खड़ा हुआ शत्रु आलंबन विभाव है।
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| 8. | आलंबन विभाव का अभिप्राय काव्य-नाट्य-वर्णित नायक-नायिका आदि से है क्योंकि उन्हीं के सहारे सामाजिकों के हृदय में रस का संचार हुआ करता है।
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